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तिब्बती व्यापारी

भारतीय हिमालयी सरहदों के ऊँचाई वाले इलाकों में रहने वाले समुदायों का तिब्बती समाज से गहरा रिश्ता रहा है। वर्ष 1957 में अमेरिकी फिल्मकार जे माईकल हैगोपियन ने जाड व्यापारियों के जीवन पर ‘तिब्बतन ट्रेडर्स’नाम से महत्वपूर्ण वृतचित्र बनाया था जिसका ज्ञानिमा ने हिंदी रूपांतरण किया है।

उद्यम व अर्थव्यवस्था

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तिब्बती व्यापारी

भारतीय हिमालयी सरहदों के ऊँचाई वाले इलाकों में रहने वाले समुदायों का तिब्बती समाज से गहरा रिश्ता रहा है। वर्ष 1957 में अमेरिकी फिल्मकार जे माईकल हैगोपियन ने जाड व्यापारियों के जीवन पर ‘तिब्बतन ट्रेडर्स’नाम से महत्वपूर्ण वृतचित्र बनाया था जिसका ज्ञानिमा ने हिंदी रूपांतरण किया है।

कानून व न्यायपालिका

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समाज, समय और संविधान

जस्टिस धनंजय चंद्रचूड़ उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश हैं और अपने फैसलों व विचारों के लिए जाने जाते हैं। अपने पिता जस्टिस वाई वी चंद्रचूड़ की 101वीं जन्म वार्षिकी के अवसर पर आनलाइन वेबिनार में बोलते हुए उन्होंने समाज व संविधान के संदर्भ में विद्यार्थियों की भूमिका को लेकर कई अहम मुद्दे उठाए।

लोक कला, संगीत व साहित्य

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स्टीव कट्टस की जरूरी फिल्में

कहते हैं कि चित्र भाषा के मोहताज नहीं होते। कि एक चित्र में कई हजार शब्द छिपे होते है। आधुनिक युग में एनिमेशन फिल्मों ने इस विचार को एक नया आयाम दिया है। इस लेख के जरिए हम आपको एक ऐसे फिल्मकार से रूबरू करा रहे हैं जो एनिमेशन फिल्मों को लेकर आपकी राय हमेशा के लिए बदल देगा।

पर्यावरण

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स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 और उत्तराखंड

उत्तराखण्ड एक छोटा सा राज्य है जहाँ प्रदूषण करने वाली इकाईयां भी काफी कम है और जनसंख्या भी। उपभोग के शहरी तौर तरीकों का भी अभी पुरजोर आगमन नहीं हुआ है। बावजूद इसके स्वच्छता के मामले में स्थिति बुरी होने का मुख्य कारण शायद जागरूकता की कमी है।

समाज, संस्कृति व इतिहास

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तिब्बती व्यापारी

भारतीय हिमालयी सरहदों के ऊँचाई वाले इलाकों में रहने वाले समुदायों का तिब्बती समाज से गहरा रिश्ता रहा है। वर्ष 1957 में अमेरिकी फिल्मकार जे माईकल हैगोपियन ने जाड व्यापारियों के जीवन पर ‘तिब्बतन ट्रेडर्स’नाम से महत्वपूर्ण वृतचित्र बनाया था जिसका ज्ञानिमा ने हिंदी रूपांतरण किया है।

जिन्दगी आसान है!

शिक्षा

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शिक्षा का अधिकार अधिनियम के नीतिगत अंधेपन को भोगते गरीब बच्चे

नीति निर्माण के काम को बहुत संयम व दूरदर्शिता की जरूरत होती है। उनके बगैर बनी नीतियाँ अपने शुरुवाती दौर में ही पस्त हो जाती हैं। शिक्षा का अधिकार (आर.टी.ई.) अधिनियम के तहत अपवंचित व कमजोर वर्ग के बच्चों लिए सभी विद्यालयों में, यहाँ तक की निजी विद्यालयों में भी, मुफ़्त शिक्षा का प्रायोजन इसका एक जीवन्त उदाहरण है।

सरकारी नीतियाँ व योजनाएँ

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स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 और उत्तराखंड

उत्तराखण्ड एक छोटा सा राज्य है जहाँ प्रदूषण करने वाली इकाईयां भी काफी कम है और जनसंख्या भी। उपभोग के शहरी तौर तरीकों का भी अभी पुरजोर आगमन नहीं हुआ है। बावजूद इसके स्वच्छता के मामले में स्थिति बुरी होने का मुख्य कारण शायद जागरूकता की कमी है।

शासन व राजनीति

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कैसे पहाड़? किसका उत्तराखण्ड?

फिर एक चुनाव प्रक्रिया पूर्ण हुई। नई सरकार बनी। कुछ दिनों तक चुनावी राजनीति पर चर्चा बनी रहेगी और फिर पाँच साल का सन्नाटा,और जब हम जागेंगे तब तक उत्तराखंड एक मैदानी राज्य बन चुका होगा! क्योंकि उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य ही नहीं बचेगा इसलिए पहाड़ बहस का मुद्दा भी नहीं रहेंगे। इस जटिल स्थिति से निजाद पाने के हमारे पास तीन तरीके हैं।