ज्ञानिमा के बारे में

ज्ञानिमा विविध विषयों पर एक संवाद है – उत्तराखंड के आम नागरिकों से साथ! यह संवाद मुख्यतः ऑनलाइन है पर शीघ्र ही ऑफलाइन भी होगा।

इस संवाद का मुख्य लक्ष्य है –

  • विभिन्न विषयों पर जानकारी प्रदान करना
  • अपना पक्ष रखना। यहाँ ‘अपना’ का अर्थ ‘ज्ञानिमा’ के संपादक मण्डल से है।
  • तार्किक वाद विवाद के लिए मंच प्रदान करना, इत्यादि।

हमारे लिए जानकारी का अर्थ महज खबर प्रदान करना नहीं अपितु उतनी सूचना मुहैया करना है जिससे सूचना प्राप्त करने वाला व्यक्ति लाभान्वित हो सके। या उस जानकारी के बल पर वह अपना मत बना सके। या वो जानकारी पा कर प्रसन्न हो सके।

हमारा मानना है की जानकारी का स्वरूप ऐसा नहीं होना चाहिए की वो किसी भी रूप में सामाजिक द्वेष, धृणा, द्वंद्व, लालच, हिंसा, अंधभक्ति, जातिवाद, अंधविश्वास, इत्यादि को बढ़ावा दे।

‘ज्ञानिमा’ एक कोशिश है की समाज जागरूक हो, उद्यम चिरस्थायी हों, प्रकृति और मनुष्य में सामंजस्य हो, पहाड़ नदी नौले बचे रहें, बच्चे खुश रहें और संस्कृति विस्तृत होती जाए। ‘ज्ञानिमा’ की विषय वस्तु किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं है वरन यह हर उस क्षेत्र को अपने में समाहित करना चाहती है जिसका समाज से वास्ता हो।

‘ज्ञानिमा’ के मुख्य मुद्दे इस प्रकार से हैं –

  1. उद्यम व अर्थव्यवस्था
  2. विज्ञान व प्रौद्योगिकी
  3. सरकारी नीति व योजनाएँ
  4. शिक्षा
  5. पर्यावरण
  6. इतिहास व संस्कृति
  7. लोक कला, संगीत व साहित्य
  8. यात्रा
  9. व्यक्तित्व

उत्तराखंड से संबंधित जानकारी देने के अलावा ‘ज्ञानिमा’ का यह उद्देश्य भी रहेगा की हम दुनिया के अन्य पहाड़ों व मैदानों की वो जानकारियाँ उपलब्ध कराएँ जो हमें कुछ नया सिखा सकती हैं या नई दिशा प्रदान कर सकती है।