उत्तराखंड की कर्मठ महिलाएँ – 2

जितना श्रम यह महिलायें करती आईं हैं, या करती रही हैं, उतना श्रम शायद ही कोई अन्य करता होगा। अगर इनके श्रम को जी.डी.पी. के संदर्भ में आँका जाए तो शायद आँकलन काफी चौकाने वाला होगा। यह फोटो फ़ीचर इस कड़ी का दूसरा भाग है जो इन जुझारू और कर्मठ महिलाओं की दिनचर्या को दर्शाता है।

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हरित क्रांति के नाम एक खुला पत्र

हरित क्रांति का जनक श्री एम एस स्वामीनाथन को लिखा यह पत्र खेती को लेकर भास्कर सावे जी के विचारों का अच्छा प्रस्तुतीकरण है। पत्र में भास्कर जी लिखते हैं – मैं आशा करता हूँ यह पत्र इस गंभीर विषय पर आत्मविश्लेषण और खुले विचार विमर्श को प्रोत्साहित करेगा ताकि हम उन भारी भूलों को ना दोहराएँ जिनके कारण आज हम अव्यवस्था के दलदल में फँस से गए हैं।

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